West Bangal Governer CV ANANDA BOSE जाने क्यों नहीं हो सकता केस राज्यपाल ओर राष्ट्रपति पर केस किस तरह से मिलती है छूट,पिछले कुछ दिनों से बंगाल की राजनीति मे भूचाल मचा हुआ है एक ओर जहा बंगाल के राजभवन मे काम करने वाली महिला ने राज्यपाल सिवी आनंद बॉस पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है, वही राज्यपाल भवन से जारी सूचना मे ये सब पशिचम बंगाल सरकार की राजनीतिक साजिश बताई जा रही है
West Bangal Governer CV ANANDA BOSE जाने क्यों नहीं हो सकता केस ,हालांकि इस मामले मे कोलकांता के पुलिस स्टेशन मे प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है लेकिन इस मामले मे प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद भी राज्यपाल सिवी आनंद बॉस पर केस नहीं चल सकता इसका कारण है सविधान के अंदर राष्ट्रपति ओर राज्यपाल को दिए गए अधिकार
West Bangal Governer CV ANANDA BOSE पर मुकदमा क्यों नहीं चल सकता
West Bangal Governer CV ANANDA BOSE पर मुकदमा नहीं चल सकने का मुख्य कारण है सविधान का अनुच्छेद 361
जाने क्या कहता है अनुच्छेद 361
भारत के संविधान, 1950 का अनुच्छेद 361
(1) राष्ट्रपति, या किसी राज्य का कोई राज्यपाल या राजप्रमुख, अपने कार्यालय की शक्तियों और कर्तव्यों के प्रयोग और प्रदर्शन के लिए, या उनके द्वारा किए गए या किए जाने वाले किसी भी कार्य के लिए किसी भी अदालत के प्रति जवाबदेह नहीं होंगे। उन शक्तियों और कर्तव्यों का प्रयोग। उन शक्तियों और कर्तव्यों का उपयोग और अभ्यास:
बशर्ते कि राष्ट्रपति के आचरण को अनुच्छेद 61 के तहत किसी भी अदालत, न्यायाधिकरण या प्राधिकारी द्वारा नियुक्त या नामित संसद के किसी भी सदन द्वारा समीक्षा के तहत लाया जा सकता है:
बशर्ते कि इस धारा में किसी भी व्यक्ति को भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार नहीं माना जाएगा।(West Bangal Governer CV ANANDA BOSE जाने क्यों नहीं हो सकता केस)
(2) राष्ट्रपति, या किसी राज्य के राज्यपाल या राजप्रमुख के खिलाफ उनके कार्यकाल के दौरान किसी भी अदालत में कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जाएगी या जारी नहीं रखी जाएगी।
(3) राष्ट्रपति या किसी राज्यपाल या राजप्रमुख की गिरफ्तारी या कारावास की कोई प्रक्रिया उनके कार्यकाल के दौरान किसी भी अदालत द्वारा जारी नहीं की जाएगी।
(4) कोई भी नागरिक कार्यवाही जिसमें राष्ट्रपति, या किसी राज्यपाल या राजप्रमुख के खिलाफ राहत का दावा किया गया है, उनके कार्यकाल के दौरान किसी भी अदालत में उनके द्वारा व्यक्तिगत क्षमता में किए गए या किए जाने वाले किसी कार्य के संबंध में शुरू नहीं की जाएगी, चाहे उनके कार्यालय में प्रवेश करने से पहले या बाद में, राष्ट्रपति या राज्यपाल या राजप्रमुख को लिखित रूप में नोटिस दिए जाने के अगले दो महीने की समाप्ति तक, जैसा भी मामला हो, कार्यवाही की प्रकृति, कार्रवाई का कारण बताते हुए, उस पक्ष का नाम, विवरण और निवास स्थान जिसके द्वारा ऐसी कार्यवाही शुरू की जानी है और वह जिस राहत का दावा करता है, और कार्यवाही राष्ट्रपति या राज्यपाल या राजप्रमुख के कार्यालय में शुरू की जाएगी, जैसा भी मामला हो, या उस न्यायालय का जिसके अधीन ऐसा कार्यालय है।
West Bangal Governer CV ANANDA BOSE जाने क्यों नहीं हो सकता केस
लेकिन इस संबंध मे कुछ विशेषज्ञों का यह भी कहना है की छेड़छाड़ के मामले मे प्राथमिकी दर्ज करने के बाद संबंधित पुलिस अपनी तरफ से जांच कर सकती है
राज्यपाल ओर राष्ट्रपति को किस कानून के तहत मुकदमे से छूट है?
सविधान के अनुच्छेद 361 के तहत |
क्या इस मुकदमे के बाद राज्यपाल सिवी आनंद बॉस को गिरफ्तार किया जाएगा
नहीं उन्हे पद पर रहते हुए सविधान के अनुसार केस से छूट है